मेरे छुटपन के एक साथी ने अपने अब तक के जीवन में महज एक शेर लिखा है। पर यह शेर मेरे भीतर अब भी शोर मचाता है।
आंखों में रहकर चले जाने वाले
निकले हैं आंसू तुझे ढूंढ़ने को।
उन आंसुओं की आवाज आप भी सुनें। उनसे बनती धार आप भी महसूसें।
Thodi si Bewafai....
4 years ago
6 comments:
अनुरागजी
वाकई उम्दा है। बधाई।
Really your voice is too good. Your bolg with these new features is valuable for everyone. congrat.
आपकी कमेन्ट्री का इन्सर्शन सटीक है, सही प्लेसमेन्ट-वाह!! बहुत खुब!!
वाह क्या बात है। हम तो एकदम डूब गए---
बहुत अच्छा भइया. हफ्ते भर की भाग दौड़ के बाद आज घर आया. आपके नए प्रयोग से मुलाकात हो गई. बहन भी साथ थी, बोली ऐसा इंसान कभी दुखी नही रह सकता, कुछ नया करने की चाह उसे हमेशा आगे बढाती रहेगी. आप वास्तव में अन्वेषी ही हैं.
बहुत सुंदर ..आपकी आवाज़ और यह गाना दोनों ही बहुत अच्छे लगे
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