जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script)

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जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।
'जिरह' की किसी पोस्ट पर कमेंट करने के लिए यहां रोमन में लिखें अपनी बात। स्पेसबार दबाते ही वह देवनागरी लिपि में तब्दील होती दिखेगी।

Sunday, August 3, 2008

ब्लॉग बाइट की पांचवीं किस्त

साथियो,
पिछली बार आपने जैसा तगड़ा रिस्पॉन्स दिया। उसके लिए आप सबों का बेहद शुक्रगुज़ार हूं मैं। 'ब्लॉग बाइट' की पांचवीं किस्त छप गई है। इसमें बताया गया है कि हम पोस्टिंग पेज पर ट्रांस्लिटरेशन टूल कैसे एक्टिव कर सकते हैं। और हिंदी कंपोजिंग न पता हो तो भी हम अपनी पोस्ट हिंदी में कैसे लिख सकते हैं। ब्लॉग बाइट की इस ताज़ा किस्त के लिए यहां क्लिक करें

2 comments:

Aaditya said...

अच्छा लगा, टेक्सट साईज बदलने वाला यंत्र कहा से जुगाडें?

रंजू भाटिया said...

कल पढ़ा था यह ..अच्छा लगा ..बहुत से नया ब्लाग बनाने वालों को यह लिंक पोस्ट कर दिया है ..शुक्रिया