जाने ये कैसी अजब रात है
भीतर गहरे दबी कोई बात है
नाकाम हैं तुम्हें भूलने की कोशिशें
कि कोशिशों पर यादों का घात है
तू अपनी धुन में काम किये चला चल
मत सोच कि ज़िंदगी शह या कि मात है
मेरी हिम्मत का राज़ तू भी सुन
मेरी पीठ पर अपना ही हाथ है
वाकई मौत से भी भिड़ता रहूंगा मैं
जिंदगी में जब तलक तेरा साथ है
4 comments:
Cool Stuff... Keep Rocking....
बढ़िया है.
तू अपनी धुन में काम किये चला चल
मत सोच कि ज़िंदगी शह या कि मात है
बहुत खूब ...बधाई
very true
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