साथियो,
शुभकामनाओं से पहले
एक सवाल
तमाम कौशल के बाद भी
कब तक होते रहोगे हलाल?
छोड़ो यह मलाल
कि जो बजाते रहे
सालों भर गाल
उनके हाथ में क्यों है
रेशमी रुमाल?
हां साथियो,
सच्चे मन से जलाओ मशाल
जिसकी रोशनी बयां कर सके
तुम्हारा हाल
तभी तुम बन सकोगे मिसाल
देखो, दहलीज पर खड़ा है
उम्मीदों का नया साल।
शुभकामनाओं से पहले
एक सवाल
तमाम कौशल के बाद भी
कब तक होते रहोगे हलाल?
छोड़ो यह मलाल
कि जो बजाते रहे
सालों भर गाल
उनके हाथ में क्यों है
रेशमी रुमाल?
हां साथियो,
सच्चे मन से जलाओ मशाल
जिसकी रोशनी बयां कर सके
तुम्हारा हाल
तभी तुम बन सकोगे मिसाल
देखो, दहलीज पर खड़ा है
उम्मीदों का नया साल।
1 comment:
क्या बात है अनुराग भैया। कमाल का ब्लॉग बनाया। अब इस पर जारी रहिए। हम आपके साथ हैं।
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