साथियो,
अभिनीत मेरा भांजा है। उम्र से महज 12 साल, पर बुद्धि से 21 साल वालों बड़ा। पटना में रहता है। सेवेंथ का स्टूडेंट है। बगैर किसी की मदद के उसने बना लिया है अपना ब्लॉग। खास बात यह कि उसे ब्लॉग बनाने की प्रेरणा मिली अपनी मां को ब्लॉगिंग करते देख, जो पेशे से डॉक्टर हैं। कहना पड़ेगा एक बार फिर कि वाकई किसी बच्चे की पहली शिक्षिका मां ही होती है। एक बाल मन का ब्लॉग कैसा होता है - देखना हो तो एक बार जरूर देखें : गिरह
मेरी गुजारिश है कि गिरह पर जाकर अपनी राय से अभिनीत को जरूर अवगत कराएं। जाहिर है इससे उसका हौसला बढ़ेगा।
अभिनीत मेरा भांजा है। उम्र से महज 12 साल, पर बुद्धि से 21 साल वालों बड़ा। पटना में रहता है। सेवेंथ का स्टूडेंट है। बगैर किसी की मदद के उसने बना लिया है अपना ब्लॉग। खास बात यह कि उसे ब्लॉग बनाने की प्रेरणा मिली अपनी मां को ब्लॉगिंग करते देख, जो पेशे से डॉक्टर हैं। कहना पड़ेगा एक बार फिर कि वाकई किसी बच्चे की पहली शिक्षिका मां ही होती है। एक बाल मन का ब्लॉग कैसा होता है - देखना हो तो एक बार जरूर देखें : गिरह
मेरी गुजारिश है कि गिरह पर जाकर अपनी राय से अभिनीत को जरूर अवगत कराएं। जाहिर है इससे उसका हौसला बढ़ेगा।
3 comments:
अनुराग भाई,
बधाई। बडा ही तेज है आपका भानजा। आप जिस उम्र में पता नहीं क्या-क्या नहीं कर पाते होंगे इसने तो इतना बडा काम कर दिया। सराहनीय। शुभकामना। बधाई।
भांजा अच्छा लिखता है। उसके ब्लाग से वर्ड वेरीफ़िकशन हटवा दें तब टिपियाने में और अच्छा लगेगा।
अभी जाते हैं जनाब उनके पास.
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