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Tuesday, June 30, 2009
दफ्तर में करने को कुछ नहीं, ये है न !
पेशकश :
अनुराग अन्वेषी
at
10:34 PM
3
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Labels: क्षमा याचना के साथ, मजाक
Tuesday, June 2, 2009
सात सुरों की धुन (पापा का ब्लॉग)
साथियो, आज से मेरे पापा ने भी ब्लॉगिंग शुरू कर दी। ब्लॉग का नाम रखा है सात सुरों की धुन। उनका इरादा है कि इस ब्लॉग पर वह अपनी कविता, गीत और गजल पोस्ट किया करेंगे। लेख, कहानी, आलोचना या समीक्षा के लिए एक दूसरा ब्लॉग वह तैयार कर रहे हैं। उसका नाम दिया है उन्होंने - जो अनकहा रहा।
तो फिर आप देखें उनका पहला ब्लॉग - सात सुरों की धुन।
पेशकश :
अनुराग अन्वेषी
at
12:16 PM
3
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