जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script)

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जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।
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Tuesday, July 29, 2008

नवभारत टाइम्स का 'ब्लॉग बाइट'

साथियो,
नवभारत टाइम्स में हर रविवार को 'ब्लॉग बाइट' नाम से एक कॉलम छप रहा है। अब तक इस कॉलम के चार अंक आ चुके हैं। लिखने की जिम्मेवारी मुझे सौंपी गई है। कोशिश है कि अभी इसके कुछ अंकों में तकनीकी चर्चा जारी रखूं। शुरुआती चर्चा बिल्कुल बेसिक लेवल की होगी, धीरे-धीरे कई ऐसी नई बातें भी सामने आएंगी, जिसके जरिए आप अपने ब्लॉग को और खूबसूरत बना पाएंगे। छप चुके अंकों को पढ़ने के लिए यहां देखें ब्लॉग बाइट

15 comments:

Arun Arora said...

अनुराग भाइ हम लगातार देख रहे है आपकी बाईट,लेकिन आप है कि हमसे पंगा लिये ही जा रहे हो , हमारा जिक्र कहा है :)

रंजू भाटिया said...

अनुराग जी मैंने आपके यह लेख निरंतर पढ़े हैं ..बहुत अच्छा लिख रहे हैं आप .लिखते रहे

रवि रतलामी said...

बढ़िया. आलेखों के साथ स्क्रीनशॉट देते हैं या नहीं? ऑनलाइन पाठ में तो नहीं दिखा. पाठकों की समस्याएं सुलझा रहे हैं ये और अच्छा है. एक पाठक की समस्या हिन्दी फ़ॉन्ट की थी - तो उन्हें पारंपरिक पुराने फ़ॉन्ट की सामग्री (जैसा कृतिदेव, चाणक्य इत्यादि, तथा पेजमेकर की हिन्दी सामग्री) को यूनिकोड में परिवर्तित करने की सुविधा के बारे में भी बतावें.

रंजन (Ranjan) said...

अच्छी जानकारी दे रहे है आप..

डॉ .अनुराग said...

अच्छा जी हम हिन्दुतान ओर दैनिक जागरण पढ़ते है....कौन से दिन लिखते है ?अब देखते है ......

मैथिली गुप्त said...

बहुत अच्छा कर रहे हैं आप अनुराग जी.

अजित वडनेरकर said...

जानकारी का शुक्रिया अनुराग भाई। अभी तक तो नहीं देख पाया हूं। अब ज़रूर देखूंगा। मेरे जैसे तकनीकी निरक्षर के लिए तो बहुत काम की चीज़ होगी। देखता हूं, हमारे भोपाल संस्करण में वह आता है या नहीं। और हां, मेरे पुराने कार्यक्षेत्र प्रिय संस्थान, नभाटा में स्तंभ लेखन के लिए बधाई। दस बरस बिताए हैं वहां हमने :)

Prabhakar Pandey said...

बहुत ही बढ़िया और अत्यावश्यक काम के लिए बधाई।

सुजाता said...

ब्लॉग बाइट के आरम्भ की बधाई अनुराग जी ! शुरुआत बेहतर है । अब तक की व्यक्तिगत और एकपक्षीय ब्लॉग चर्चाओं और समीक्षाओं से बेहतर ही साबित होगा यह स्तम्भ !
शुभकामनाएँ !

E-Guru Maya said...

नवभारत के लेख मैंने पढ़े. एक सुखद शुरुआत है. मैं भी अपने ब्लॉग के जरिये यही कार्य कर रही हूँ.
एक निवेदन है, यदि आप उचित समझें तो अपने लेख में कुछ अच्छे ब्लोगों का भी उल्लेख कीजियेगा जो ब्लॉग बनाने में सहायक हों, इस प्रकार से वे एक अच्छे पाठक भी बन सकेंगे तथा कुछ अच्छा सीख सकेंगे.

Manish Kumar said...

सुजाता जी की राय से सहमत हूँ। बहुत अच्छी कड़ी शुरु की है आपने। इससे ब्लाग के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़ेगी।

Udan Tashtari said...

एक सार्थक कदम-जारी रहें. अनेकों शुभकामनाऐं.

L.Goswami said...

aap bhi jharkhand ke hain ,jankar aapar harsh huya.is subh kaam ke liye subhkamnayen aapko.

pallavi trivedi said...

achchi shuruaat hai...

अनुराग अन्वेषी said...

सुखद प्रतिक्रियाओं के लिए आप सबों का धन्यवाद। खास कर हमनाम साथी अनुराग का, जिनके सवाल के बाद मैंने पोस्ट में संशोधन कर प्रकाशित होने वाले दिन की सूचना दी।
हमारी कोशिश होगी कि आपकी सलाहों पर भी काम कर सकूं और आपकी शुभकामनाओं का मान भी रख सकूं। :)