जिरह पढ़ें, आप अपनी लिपि में (Read JIRAH in your own script)

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जिरह करने की कोई उम्र नहीं होती। पर यह सच है कि जिरह करने से पैदा हुई बातों की उम्र बेहद लंबी होती है। इसलिए इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आइए,शुरू करें जिरह।
'जिरह' की किसी पोस्ट पर कमेंट करने के लिए यहां रोमन में लिखें अपनी बात। स्पेसबार दबाते ही वह देवनागरी लिपि में तब्दील होती दिखेगी।

Sunday, August 24, 2008

यूनिकोडेड फॉन्ट को सपोर्ट करते कुछ और कीबोर्ड

ब्लॉग बाइट की एक और किस्त के साथ मैं आपके लिए हाजिर हूं। इस बार के अंक में चर्चा की गई है हिंदी में कंपोजिंग के कुछ और कीबोर्ड की। विंडोजएक्सपी के साथ जो यूनिकोड फॉन्ट हमें मिलने लगा है उसके इस्तेमाल के लिए इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड का ऑप्शन तो होता ही है। पर हमारे कई साथी ऐसे भी हैं जो इन्स्क्रिप्ट कंपोजिंग नहीं जानते हैं। वे रेमिंग्टन या फिर किसी और कीबोर्ड का इस्तेमाल करना जानते हैं। इस किस्त में ऐसे साथियों के लिए उनकी सुविधा के कुछ कीबोर्ड के लिंक दिये गये हैं। अभी तक की योजना है कि अगली किस्त में फॉन्ट कन्वर्टर की चर्चा हो। नवभारत टाइम्स में छपी इस ताज़ा किस्त के लिए यहां क्लिक करें

Sunday, August 17, 2008

अपने ब्लॉग पर देखें दूसरों के ब्लॉग की लास्ट पोस्ट

कुछ ब्लॉगरों ने अपने ब्लॉग पर दूसरों के ब्लॉग की जो लिंक लगाई है, उसमें उस ब्लॉग की लास्ट पोस्ट दिखती है, साथ ही कितनी देर पहले पोस्ट की गई यह भी। यानी, यह जो सुविधा है वह आपको अप्रत्यक्ष तौर पर ब्लॉग एग्रिगेटर भी बना रही है। और सबसे रोचक बात यह कि ब्लॉग स्पॉट ने लिंक लगाने के इस तरीके के बेहद आसान बना दिया है। पहले जब आप लिंक लगाते थे तो लिंक नये विंडो में खुले इसके लिए HTML कोडिंग करनी पड़ती थी। इस बार ब्लॉगरों को इस झंझट से मुक्ति मिल गई है। लिंक लगाने की इस पूरी प्रक्रिया को ब्लॉग बाइट की इस नई किस्त में देखें। नवभारत टाइम्स में छपी इस ताज़ा किस्त के लिए यहां क्लिक करें

और हां, पिछली बार जिस इनस्क्रिप्ट की-बोर्ड लेआउट की चर्चा मैंने की थी, उस की बोर्ड लेआउट का फोटो आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं।

Wednesday, August 13, 2008

बहुत दिनों बाद

किसी कविता को सुनाने या पढ़ाने से पहले उसके बारे में अगर कवि को अपनी ओर से कुछ कहने की जरूरत पड़े तो यह उस कविता का कमजोर पक्ष हो सकता है। जाहिर है इस कविता के बारे में मैं अपनी ओर से कुछ कहना नहीं चाहता। पर यह भरोसा है कि पाठकों की ओर से भी इस पर कई नई बातें आ सकती हैं। कुछ ऐसी बातें जिन पर संभवतः मेरी निगाह भी नहीं गई है। फिलहाल पेश है कविता 'बहुत दिनों बाद' :



Sunday, August 10, 2008

ब्लॉग बाइट : गोद में हिंदी, शहर में ढिंढोरा

मेरे साथियो,
हिंदी के यूनिकोडेड फॉन्ट की चर्चा मैंने इससे पहले के किसी ब्लॉग बाइट में की थी। इस बार कई साथियों के मेल मुझे मिले। उन्होंने जानना चाहा था कि ट्रांस्लिटरेशन टूल के बिना हिंदी में कंपोजिंग कैसे हो सकती है। इस अंक में मैंने विंडोज एक्सपी की इसी खासियत की चर्चा की है। बताया है कि एक्सपी में हिंदी के यूनिकोडेड फॉन्ट की सुविधा दी गई है। उसे एक्टिव कैसे किया जाये, यह जानना चाहें तो ब्लॉग बाइट की नई कड़ी पढ़ें। नवभारत टाइम्स में छपी इस ताज़ा किस्त के लिए यहां क्लिक करें। अगर आप इनस्क्रिप्ट के की-बोर्ड के बारे में जानना चाहते हैं तो मुझे लिखें। मैं इनस्क्रिप्ट की-बोर्ड का लेआउट मेल कर दूंगा।

Wednesday, August 6, 2008

जब निगाहें बुलाएं...

मेरे छुटपन के एक साथी ने अपने अब तक के जीवन में महज एक शेर लिखा है। पर यह शेर मेरे भीतर अब भी शोर मचाता है।

आंखों में रहकर चले जाने वाले
निकले हैं आंसू तुझे ढूंढ़ने को।

उन आंसुओं की आवाज आप भी सुनें। उनसे बनती धार आप भी महसूसें।


प्रियदर्शन की कविता 'गुस्सा और चुप्पी'

पता नहीं क्यों प्रियदर्शन की यह कविता मुझे बेहद लुभाती है। जब भी अकेला महसूस करता हूं यह कविता मुझे बल देती है। नतीजा है कि इसे पढ़कर आपको सुनाने के लोभ का संवरण नहीं कर पाया। प्रियदर्शन वाकई लाजवाब लिखता है। उसकी व्यस्तता मैंने बेहद करीब से देखी है, पर समझ नहीं पाया कि इतना सोचने का वक्त उसे कब मिलता है। मैं यह भी पूरे दावे के साथ नहीं कह सकता कि वह लिखने के पहले काफी सोचता-विचारता है। और यह भी नहीं कि वह बगैर सोचे लिख डालता है। जाहिर है उसकी रचना प्रक्रिया मेरे लिए रहस्य जैसी है। कुतुहल पैदा करने जैसी है। विस्मय में डाल देने जैसी है। बहरहाल, उसकी कविता सुनें।





पढ़ना चाहें तो यहां क्लिक करें

Tuesday, August 5, 2008

अपने मीत की नकल

मीत भाई की नकल कर खुशी हुई। मैंने दूसरों का इस तरह का ब्लॉग नहीं देखा है। मीत की नकल कर ही कोशिश की एक पोस्ट करने की। अविनाश से रास्ता पूछा। उसने तरीका बताया। और एक नई पोस्ट इस तरह। इन दोनों का आभार।


Sunday, August 3, 2008

ब्लॉग बाइट की पांचवीं किस्त

साथियो,
पिछली बार आपने जैसा तगड़ा रिस्पॉन्स दिया। उसके लिए आप सबों का बेहद शुक्रगुज़ार हूं मैं। 'ब्लॉग बाइट' की पांचवीं किस्त छप गई है। इसमें बताया गया है कि हम पोस्टिंग पेज पर ट्रांस्लिटरेशन टूल कैसे एक्टिव कर सकते हैं। और हिंदी कंपोजिंग न पता हो तो भी हम अपनी पोस्ट हिंदी में कैसे लिख सकते हैं। ब्लॉग बाइट की इस ताज़ा किस्त के लिए यहां क्लिक करें